मैंने बहुत मेहनत की. सपनों और उम्मीद से भरे 22 साल पूरे कर लिए हैं. हमारे मां-बाप ने हमारी पढ़ाई पर लाखों खर्च किए हैं. लेकिन इसका क्या फायदा? यहां तक कि चार साल मेहनत करने के बाद भी हम अब बेरोजगार हैं. मेरे कॉलेज ने किसी कंपनी को कैंपस सलेक्शन के लिए बुलाया तक नहीं. मेरे सीनियर्स जॉब के लिए नौकरी डॉट कॉम पर अकाउंट बनाने की सलाह देते हैं. लेकिन कोई फायदा नहीं.
मुझे सिर्फ बीपीओ और टेक सपोर्ट्स के अपडेट मिलते हैं. बीपीओ में काम करने के लिए स्कूल की पढ़ाई काफी होती है. तब सीनियर्स मुझे खुद से जॉब ढूंढ लेने के लिए कहते हैं. मैंने वो भी किया. लेकिन आजकल की कंपनियां फ्रेशर्स को नहीं रखना चाहती हैं. वो सिर्फ अनुभवी लोगों को रखना चाहती हैं. कंपनियां फ्रेशर्स को तभी रखती हैं, जब उनके पास कोई अच्छा रेफरेंस हो. लेकिन मेरे पास कोई रेफरेंस नहीं है. यहीं पर मैं हार गया.
कुछ लोगों ने मुझे सलाह दी कि कुछ कंपनियों तक पहुंच बनाओ. वहां के वॉचमैन को अपनी सी.वी. दे दो. मैंने ये भी किया. लेकिन वॉचमैन ने मुझसे कहा कि हमारी कंपनी में सिर्फ आईटीआई और डिप्लोमा के लिए वैकेंसी है. इंजीनियरों के लिए नहीं. मैं फिर से हार गया.
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कुछ लोग मुझे सलाह देते हैं कि कंसल्टेंसी ज्वॉइन कर लो. मैंने ये भी किया. मुझे इसमें ही उम्मीद की किरण दिखी. उन्होंने मेरे लिए इंटरव्यू अरेंज कराया. जब मैं गया तो एचआर का पहला सवाल था कि सुबह से शाम तक तुम क्या करते हो? मैंने कहा जॉब ढूंढता हूं. वो मुझे पर हंसा और सलाह दी कि कोई कोर्स ज्वॉइन कर लो. ठीक है. मैंने ये भी किया.
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